हाल में हुए अध्ययनों के मुताबिक सही खाद्य तेल का चुनाव डायबिटीज
जैसी बिमारी को काबू में करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इन्हें पौधों से प्राप्त
किया जाता है और यह गंधयुक्त होने के साथ-साथ इनका चिकित्सकीय प्रयोग भी होता है।
धनिया का दाना
यह डायरिया, अपच और पेट फूलने की स्थिति में कारगर होता
है, इसकी एक खासियत यह है कि इसका तेल ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित
करता है। शोध के अनुसार पैनक्रियाज या पाचक ग्रंथि में मौजूद बीटा कोशिकाए अत्यधिक
सक्रिय पाई गई, जिससे इन्सुलिन का स्तर बढाने में मदद की और
इससे ब्लड शुगर कम हुआ। धनिया के बीज से प्राप्त आवश्यक तेल की मदद से इनसुलिन का
सतर प्राकृतिक रूप से उंचा हुआ।
कलौंजी का तेल
शोधकर्ताओं के अनुसार कलौंजी और उसका तेल डायबिटीज से संबंधित
जटिलताओं को कम करते हैं। आहार के साथ कलौजी के तेल के इस्तेमाल से आप ब्लड शुगर
सामान्य स्तर तक ला सकता है।
लौंग का तेल
लौंग का तेल पाचक ग्रंथि में उत्पन्न होने वाले डायबिटीज से
संबंधित एंजाइम्स का स्तर कम करता है। इसके अलावा यह टाइप-2 डायबिटिज होने के कारणों
को भी नियंत्रण में रखती है।
मेथी का तेल
मेथी शरीर में इनसुलिन के प्रति संवेदनशीलता बढाने में मदद करती
है। यह डायबिटीज के मरीजों में पूरे उर्जा व स्फूर्ति रखने में भी अहम भूमिका निभाती
है।
काली मिर्च का तेल
काली मिर्च के तेल में एंटी ऑक्सिडेंट प्रचुर मात्रा में होता
है, जो डायबिटीज और उच्च रक्तचाप के लिए जिम्मेदार एन्जाइम को रोकता है।
इन तेलों के प्रयोग से आप डायबिटीज से निपटने में कारगर हैं।



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