राज्य चिन्ह
राज्य के प्रतीक चिन्ह के सबसे ऊपरी भाग पर तीन पर्वत श्रंखलाओं को दर्शाया गया है तथा बीच की श्रंखला में अशोक स्तम्भ है जिसमें ''सत्यमेव जयते'' वाक्य लिखा हुआ है। राज्य चिन्ह के सबसे निचले भाग में गंगा की चार लहरें हैं। यह प्रतीक चिन्ह उत्तराखण्ड शासन द्वारा सभी दस्तावेजों पर प्रयुक्त किया जा रहा है।
राज्य वृक्ष - बुरांस
उत्तराखण्ड का राज्य वृक्ष बुरांस है। जिसे अंग्रेजी भाषा में रोडोडेण्ड्रान कहा जाता है। इसका वानस्पतिक नाम रोडोडेड्रान अरबोरियनम है। इस क्षेत्रीय भाषा में बुरूषी तथा हिमांचल में बुरॉंशो व कश्मीर में आर्डवाल कहा जाता है। इसके फूल लाल रंग के होते हैं जिसका प्रयोग जूस बनाने में भी किया जाता है। इसका जूस हृदय रोगों के लिए विशेष लाभकारी होता है।
राज्य पुष्प - ब्रहमकमल
उत्तराखण्ड का राज्य पुष्प ब्रहमकमल है, यह उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। उत्तराखण्ड में इसकी 24 प्रजातियां पाई जाती है तथा पूरे विश्व में इसकी 210 प्रजातियां पाई जाती है। ब्रहमकमल ऐसटेरसी कुल का पौधा है तथा इसका वैज्ञानिक नाम सोसूरिया अवभेलेटा है।
राज्य पशु - कस्तूरी मृग
कस्तूरी मृग हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। इस मृग की नाभि में एक सुगन्धित द्रव्य होता है जिस कारण पशु तस्करों द्वारा इन्हें मारा जाता है। यह 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले वनों में निवास करती है। कस्तूरी मृग को हिमालयप मस्क डियर के नाम से जाना जाता है।
राज्य पक्षी - मोनाल
उत्तराखण्ड का राज्य पक्षी मोनाल है जिसका वैज्ञानिक नाम लोफोफोरस इंपीजानस है। यह 8000-15000 की ऊंचाई तक पाये जाते हैं।
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