उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग समीक्षा अधिकारी 2014-15 (हिन्‍दी) प्रश्‍न पत्र

 
 उत्‍तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा प्रारम्भिक परीक्षा 2014-15 का वस्‍तुनिष्‍ठ प्रश्‍न-पत्र (हिन्‍दी) आप सभी प्रतियोगी परिक्षार्थियों हेतु 


1- 'जंगम' का विलोम शब्‍द है। (क) अगम    (ख) दुर्गम    (ग) स्‍थावर    (घ) चंचल
नोट - जंगम का विलोम स्‍थावर होता है, दुर्गम का विलोम सुगम होता है, आगम का विलोम सुगम तथा चंचल का विलोम स्थित होता है।
2- 'सृष्टि' का विलोम शब्‍द है। (क) विसृष्टि    (ख) प्रलय    (ग) व्‍यष्टि    (घ) समष्टि
नोट - सृष्टि का विलोम प्रलय होता है जबकि व्‍यष्टि का विलोम समष्टि होता है।
3- 'ईप्सित' का विलोम शब्‍द है। (क) अभिप्सित    (ख) अनीप्सित    (ग) परोप्सित    (घ) सुनीप्सित
नोट - ईप्सित का विलोम अनीप्सित होता है।
4- 'साहचर्य' का विलोम शब्‍द है। (क) वैमनस्‍य    (ख) असहयोग    (ग) विनियोग    (घ) अलगाव
नोट - साहचर्य का विलोम अलगाव होता है, असहयोग का विलोम सहयोग होता है तथा वैमनस्‍य का विलोम सौमनस्‍य होता है।
5- 'विराट्' का विलोम शब्‍द है। (क) वृहद्    (ख) वृहत्    (ग) छोटापन    (घ) क्षुद्र
नोट - विराट का विलोम क्षुद्र होता है, वृहत का विलोम लघु एवं छोटापन का बडापन होता है।
6- 'स्‍पृश्‍य' का विलोम शब्‍द है। (क) स्‍पृस्‍य    (ख) अस्‍पृस्‍य    (ग) अश्‍पृष्‍य    (घ) अस्‍पृश्‍य
नोट - स्‍पृश्‍य का विलोम अस्‍पृश्‍य होता है।
7- 'अज्ञ' का विलोम शब्‍द है। (क) विज्ञ    (ख) यज्ञ    (ग) सर्वज्ञ    (घ) अनज्ञ
नोट - अज्ञ का विलोम शब्‍द विज्ञ है। सर्वज्ञ का विलोम अल्‍पज्ञ होता है।
8- 'गौरव' का विलोम शब्‍द है। (क) लाघ्‍ाव    (ख) लघुत्‍व    (ग) लघुता    (घ) लघुतम
नोट - गौरव का विलोम लाघव होता है, लघु का विलोम दीर्घ होता है, इसी प्रकार लघुता का दीर्घता होता है।
9- 'बहिरंग' का विलोम शब्‍द है।
(क) सर्वांड्ग    (ख) अंतरंग    (ग) चतुरंग    (घ) अभ्‍यज्ञ
नोट - बहिरंग का विलोम अंतरंग है।
10- 'ग्रस्‍त' का विलोम शब्‍द है।
(क) सुप्‍त    (ख) ग्राहया    (ग) मुक्‍त   (घ) लुप्‍त
नोट - ग्रस्‍त का विलोम मुक्‍त है, ग्राहया का विलोम अग्राहाया और लुप्‍त का विलोम व्‍यक्‍त होता है। इसी प्रकार मुक्‍त का विलोम बद्ध होता है।
11- निम्‍न में कौन 'घोडा' का पर्यायवाची नहीं है।
(क) बाजि    (ख) तुरंग    (ग) शार्दूल    (घ) हय
नोट - घोडा का पर्यायवाची वाजि, तुरंग और हय हैं। जबकि शार्दूल का पर्याय सिंह होता है। 
12- 'मीनाक्षी' का पर्यायवाची शब्‍द है।
(क) सुन्‍दरी    (ख) दुर्गा    (ग) मछली    (घ) लक्ष्‍मी
नोट - मीनाक्षी का पर्याय सुन्‍दरी से होता है तथा मीनाक्षी का आश्‍ाय मीन की तरह आंख से होता है। उ०प्र० लोक सेवा आयोग द्वारा इस प्रश्‍न का उत्‍तर सुन्‍दरी व दुर्गा दोनों को माना गया है। 
13-'दैत्‍य' का प्रयायवाची नहीं है।
(क) राक्षस    (ख) दानव    (ग) भूसुर   (घ) निशाचर
नोट - दैत्‍य के प्रयाय राक्षस, दानव तथ्‍ाा निशाचर है जबकि भूसुर का प्रयाय ब्राहमण होता है। 
14-कौन सा शब्‍द 'नाग' का पर्यायवाची नहीं है।
(क) सर्प    (ख) अहि    (ग) विषधर    (घ) तुरंग
नोट - नाग का पर्याय सर्प, अहि और विषधर हैं जबकि तुरंग घोडे का पर्याय होता है।
15- 'रूख' का पर्यायवाची शब्‍द है।
(क) विटप    (ख) प्रसून    (ग) तडका   (घ) हेरम्‍ब
नोट - रूख का पर्यायवाची शब्‍द वृक्ष, पेड, द्रुम, पादप, विटप आदि होते हैं जबकि हेरम्‍ब का पर्याय गणेश होता है। 
16- निम्‍न में कौन सा शब्‍द 'ब्रह्मा' का प्रर्यायवाची नहीं है।
(क) कमलासन    (ख) चतुरानन    (ग) चतुर्मुख    (घ) चतुर्भुज
नोट - ब्रह्मा का पर्यायवाची कमलासन, चतुर्भुज, विरंचि, पितामह, चतुरानन, चतुर्मुख, पितामह, प्रजापति और स्‍वयंभू होते हैं जबकि चतुर्भुज का पर्याय विष्‍णु होता है तथा इसके अन्‍य पर्याय नारायण, हरि, चक्रपाणि, चतुर्भुज, मुकुन्‍द, जनार्दन, गोविन्‍द तथा लक्ष्‍मीपति होते हैं। 
17- कौन सा शब्‍द 'भ्रमर' का पर्यायवाची नहीं है।
(क) शलभ    (ख) चंचरीक    (ग) शिलीमुख    (घ) मिलिन्‍द
नोट - भ्रमर का पर्यायवाची चंचरीक, अलि, मिलिन्‍द, सारंग होते हैं तथा शिलिमुख्‍ा का पर्याय बाण होता है, शिलिमुख के अन्‍य पर्याय विशिख, सर, नाराच इत्‍यादि होते हैं। 
18- निम्‍न में 'इन्‍द्र' का पर्यायवाची शब्‍द नहीं है।
(क) पुरंदर    (ख) शक    (ग) मधवा    (घ) गणाधिप
नोट - इन्‍द्र का पर्याय पुरंदर, श्‍ाक्र और मधवा हैं। 
19- 'हिरण्‍यगर्भ' का पर्यायवाची शब्‍द है।
(क) विष्‍णु    (ख) ब्रह्मा    (ग) महेश    (घ) गणेश
नोट - हिरण्‍यगर्भ का पर्याय ब्रह्मा है। जबकि ब्रह्मा के अन्‍य पर्याय पितामह, स्‍वयंभू, चतुरानन, स्‍त्रष्‍टा, प्रजापति, कमलासन, हंसवाहन, आत्‍मभू हैं। विष्‍णु के पर्याय अच्‍युत, जनार्दन, चक्रपाणि, मुकुन्‍द, नारायण, गरूणध्‍वज आदि हैं। महेश्‍ा का पर्याय शिव, उमापति, महादेव, त्रिपुरारि, देवाणिदेव, मदनारि, चन्‍द्रमौलि, आदि है। गणेश का पर्याय हेरम्‍ब, विघ्‍नविनाशक, गणपति, लम्‍बोदर, एकदन्‍त, विनायक, गजानन हैं। उ०प्र० लोक सेवा आयोग द्वारा इस प्रश्‍न का उत्‍तर ब्रह्मा तथा विष्‍णु दोनों को माना है। 
20- निम्‍न में 'दास' का पर्यायवाची शब्‍द नहीं है।
(क) अनुचर    (ख) परिकर    (ग) भृत्‍य    (घ) सेवकनोट - दास का पर्यायवाची शब्‍द परिकर भी होता है। अनुचर, भृत्‍य और सेवक दास के पर्यायवाची होते हैं। उ०प्र० लोक सेवा आयोग द्वारा इस प्रश्‍न को हटा दिया गया है। 

21. निम्‍न वाक्‍यों में शुद्ध वाक्‍य का चयन करें।
(क) मेरे घर के पास एक हलवाई की दुकान है।     
(ख) मेरे घर के पास एक हलवाई की दुकान स्थित है।    
(ग) मेरे घर के पास एक हलवाईयों की दुकान है।    
(घ) मेरे घर के पास हलवाई की एक दुकान है।
नोट - दिये गये चार वाक्‍यों में शुद्ध वाक्‍य - मेरे घर के पास हलवाई की एक दुकान है।
22- निम्‍न वाक्‍यों में शुद्ध वाक्‍य का चयन करें।
(क) श्रीकृष्‍ण के अनेकाें नाम हैं। 
(ख) भगवान श्रीकृष्‍ण के अनेकों नाम का उल्‍लेख मिलता है।
(ग) श्रीकृष्‍ण को अनेकों नामों से पुकारा जाता है।
(घ) श्रीकृष्‍ण के अनेक नाम हैं।
नोट - दिये गये चार वाक्‍यों में शुद्ध वाक्‍य - श्रीकृष्‍ण के अनेक नाम हैं। 
23- निम्‍न वाक्‍यों में शुद्ध वाक्‍य का चयन करें।
(क) देखो! फूलों पर भौंरे भिनभिना रहे हैं।
(ख) देखो! फूलों पर भौंरे गुंजार कर रहे हैं।
(ग) देखो! फूलों के उपर भौंरे गुंजारते हैं।
(घ) देखो! फूलों के उपर भौंरे भिनभिना रहे हैं।
नोट - दिये गये चार वाक्‍यों में शुद्ध वाक्‍य - देखो! फूलों पर भौंरे गुंजार कर रहे हैं। 
24- निम्‍न वाक्‍यों में शुद्ध वाक्‍य का चयन करें।
(क) उसकी शंका का निवारण हो गया है।    
(ख) उसकी शंका समाप्‍त हो गयी है। 
(ग) उसकी शंका का समाधान हो गया है।
(घ) उन्‍हें अब शंका नहीं रही है।
नोट - दिये गये चार वाक्‍यों में शुद्ध वाक्‍य हैं- उसकी शंका का समाधान हो गया है। उ०प्र०लोक सेवा अायोग द्वारा इस प्रश्‍न का सही उत्‍तर (क) व (ग) को माना गया है। 
25- निम्‍न में श्‍ाुद्ध संयुक्‍त वाक्‍य का उदाहरण है।
(क) मैं परीक्षा देने के लिण्ए इलाहाबाद जा रहा हॅूं।   
(ख) मुझे परीक्षा देनी है, अत: दिल्‍ली जा रहा हूँ।
(ग) मुझे परीक्षा देनी है और मैं गोरखपुर जा रहा हूॅं। 
(घ) मैं वाराणसी जा रहा हूँ क्‍योंकि मुझे परीक्षा देनी है।
नोट - दिये गये चार वाक्‍यों में शुद्ध संयुक्‍त वाक्‍य है- मुझे परीक्षा देनी है और मैं गोरखपुर जा रहा हूँ।
26- निम्‍न में से शुद्ध वर्तनी वाला शब्‍द है।
(क) कलेष्‍ा   (ख) क्‍लेष    (ग) क्‍लेश   (घ) क्‍लेस
नोट - उपरोक्‍त दिये गये विकल्‍पों में शुद्ध वर्तनी वाला शब्‍द क्‍लेश है।
27- निम्‍न में से शुद्ध वर्तनी वाला शब्‍द है।
(क) श्रृगार   (ख) श्रंगार    (ग) श्रृंगार    (घ) सृंगार
नोट - उपरोक्‍त दिये गये विकल्‍पों में शुद्ध वर्तनी वाला शब्‍द श्रृंगार है। 
28- निम्‍न में से शुद्ध वर्तनी वाला शब्‍द है।
(क) उज्‍जवल   (ख) उज्‍ज्‍वल    (ग) उत्‍जवल    (घ) उजवल
नोट - उपरोक्‍त दिये गये विकल्‍पों में शुद्ध वर्तनी वाला शब्‍द उज्‍ज्‍वल है।
29- निम्‍न में से शुद्ध वर्तनी वाला शब्‍द है।
(क) हिरण्‍यकश्‍यपु   (ख) हिरण्‍यकशिपु    (ग) हिरण्‍यकश्‍यप    (घ) हिरण्‍यकस्‍यप
नोट - उपरोक्‍त दिये गये विकल्‍पों में शुद्ध वर्तनी वाला शब्‍द हिरण्‍यकशिपु है।
30- निम्‍न में से शुद्ध वर्तनी वाला शब्‍द है।
(क) क‍वयित्री   (ख) कवित्री    (ग) कवियित्री    (घ) कवियत्री
नोट - उपरोक्‍त दिये गये विकल्‍पों में शुद्ध वर्तनी वाला शब्‍द कवयित्री है। 
31- 'कनिष्‍ठा और मध्‍यमा के बीच की अंगुली' को कहा जाता है।
(क) अनामी   (ख) अनिमिका    (ग) अनामीका   (घ) अनामिका
नोट -  'कनिष्‍ठा और मध्‍यमा के बीच की अंगुली' को अनामिका है।
32- 'पीछे-पीछे चलने वाला' को कहा जाता है।
(क) अनुचर  (ख) अनुगामी    (ग) अनुवर्ती    (घ) अनुगमनीय
नोट - 'पीछे-पीछे चलने वाला' को अनुगामी कहा जाता है। उ०प्र० लोक सेवा आयोग ने इस प्रश्‍न का उत्‍तर अनुगामी तथा अनुवर्ती दोनों की सही माना है। 
33- 'जिसकी कोई किमत न हो सके' को कहा जाता है।
(क) कीमती  (ख) अमूल्‍य    (ग) बहुमूल्‍य    (घ) उपर्युक्‍त में से कोई नहीं
नोट - 'जिसकी कोई किमत न हो सके' को अमूल्‍य कहा जाता है। तथा जो बहुत किमती होता है उसे बहुमूल्‍य कहा जाता है।  
34- 'थोडा नपा-तुला भोजन करने वाला' को कहा जाता है।
(क) मितव्‍ययी  (ख) मितव्‍यय    (ग) मिताहारी    (घ) मितहारीन
नोट -  'थोडा नपा-तुला भोजन करने वाला' को मिताहारी कहा जाता है।
35- 'गुरू के समीप रहकर अध्‍ययन करने वाला' को कहा जाता है।
(क) शिष्‍य  (ख) आश्रमवासी    (ग) विद्यार्थी    (घ) अन्‍तेवासी
नोट -  'गुरू के समीप रहकर अध्‍ययन करने वाला' को अन्‍तेवासी कहा जाता है। इसी प्रकार जो विद्या को चाहने वाला हो उसे विद्यार्थी तथा गुरू का अनुकरण करने वाला शिष्‍य होता है। 
36- 'जिसके हृदय पर आघात हुआ हो' को कहा जाता है।
(क) मर्माहित  (ख) मर्माहत    (ग) मर्माहुत    (घ) मर्माहूत
नोट -  'जिसके हृदय पर आघात हुआ हो' को मर्माहत कहा जाता है।
37- 'जो अपने पद से हटाया गया हो' को कहा जाता है।
(क) पदभ्रष्‍ट  (ख) पदानवत    (ग) पदानुगत    (घ) पदच्‍युत
नोट -  'जो अपने पद से हटाया गया हो' को पदच्‍युत कहा जाता है। तथा जो अपने पद का दुरूपयोग करता है उसे पदभ्रष्‍ट कहा जाता है। 
38- 'जिसे किसी वस्‍तु की स्‍पृहा न हो' को कहा जाता है।
(क) नि:स्‍पृहा  (ख) नि:स्‍पृह    (ग) निस्‍पृह    (घ) निस्‍पृहीन
नोट - 'जिसे किसी वस्‍तु की स्‍पृहा न हो' को नि:स्‍पृह कहा जाता है। उ०प्र० लोक सेवा आयोग ने इस प्रश्‍न का उत्‍तर नि:स्‍पृह एवं निस्‍पृह दोनों को माना है।
39- 'जिसकी पूर्व से कोई आशा न हो' को कहा जाता है।
(क) प्रत्‍याशित  (ख) अप्रत्‍यासित    (ग) अप्रत्‍याषित    (घ) अप्रत्‍याशित
नोट - 'जिसकी पूर्व से कोई आशा न हो' को अप्रत्‍याशित कहा जाता है।
40-'मक्‍खी' का तत्‍सम रूप है।
(क) मच्छिका  (ख) माछी    (ग) मच्‍छी    (घ) मक्षिका
नोट - 'मक्‍खी' का तत्‍सम रूप मक्षिका है।

41-'हल्‍दी' का तत्‍सम रूप है।
(क) ह‍रद्रिका  (ख) हरीद्रा   (ग) हरिद्रा    (घ) हलिद्रा
नोट - 'हल्‍दी' का तत्‍सम रूप हरिद्रा है।
42-'हुलास' का तत्‍सम रूप है।
(क) हिलास  (ख) विलास   (ग) हास्‍य    (घ) उल्‍लास
नोट - 'हुलास' का तत्‍सम रूप उल्‍लास है। हंसी का विलोम हास्‍य होता है। 
43-'नारियल' का तत्‍सम रूप है।
(क) नारिकेल  (ख) नारिकेलि   (ग) नारीकेल    (घ) नारिकेला
नोट - 'नारियल' का तत्‍सम रूप नारिकेल है। उ०प्र० लोक सेवा आयोग ने इस प्रश्‍न का उत्‍तर नारिकेल तथा नारीकेल दोनों को माना है। 
44-'सींग' का तत्‍सम रूप है।
(क) श्रग  (ख) शिंग   (ग) श्रृंग    (घ) सिंग
नोट - 'सींग' का तत्‍सम रूप श्रृंग है। 
45-निम्‍नलिखित में से कौन सा शब्‍द तदभव नहीं है।
(क) दुआर  (ख) सायं   (ग) गिरिस्‍ती    (घ) पॉंव
नोट - उपरोक्‍त दिये गये विकल्‍पों मे से सायं तदभव नहीं है शेष अन्‍य तदभव हैं। 
46-'एकल' शब्‍द का तदभव रूप है।
(क) अकल  (ख) अकिल   (ग) अकेला   (घ) उपर्युक्‍त में से कोई नहीं
नोट - एकल शब्‍द का तदभव रूप है - अकेला 
47-'कर्पट' शब्‍द का तदभव रूप है।
(क) कटरना  (ख) कपाट  (ग) कपडा    (घ) कपट
नोट - कर्पट शब्‍द का तदभव रूप है -कपडा
48-'कैवर्त्‍त' शब्‍द का तदभव रूप है।
(क) मल्‍लाह  (ख) केवट   (ग) नाविक    (घ) केवल
नोट - कैवर्त शब्‍द का तदभव रूप है - केवट
49-'गृध्र' शब्‍द का तदभव रूप है।
(क) गीधना  (ख) गृध   (ग) गीधी    (घ) गीध
नोट - गृध्र शब्‍द का तदभव रूप है - गीध 
50-विशेषण जिस संज्ञा की विशेषता बताता है उसे कहा जाता है।
(क) संख्‍यावाचक विशेषण   (ख) गुणवाचक विशेष्‍ाण   (ग) विशेष्‍य   (घ) सार्वनामिक विशेषण
नोट - विशेषण जिस संज्ञा की विशेष्‍ाता बताता है उसे विशेष्‍य कहते हैं। जो शब्‍द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाता है उसे विशेषण कहते हैं। 
(क) आसीन   (ख) अग्नि   (ग) मधुर    (घ) कर्मठ
नोट - उपरोक्‍त विकल्‍पों में से सही विकल्‍प अग्नि सही है। 
52-'ठण्‍डा पानी ठण्‍ड पैदा करता है।' इस वाक्‍य में कौन सा शब्‍द विशेष्‍य है।
(क) ठण्‍डा   (ख) ठण्‍ड   (ग) पानी    (घ) उपर्युक्‍त में से कोई नहीं
नोट - ठण्‍डा पानी ठण्‍ड पैदा करता है, में विशेष्‍य शब्‍द पानी है जबकि ठण्‍डा शब्‍द विशेषण है। 
53-निम्‍न में कौन सा शब्‍द विशेष्‍य है।
(क) अनासक्ति   (ख) अनासक्‍त   (ग) अनुशंसित    (घ) अपमानित
नोट - उक्‍त विकल्‍पों में विशेष्‍य शब्‍द अनासक्ति है। यह संज्ञा शब्‍द है जबकि अनासक्‍त शब्‍द विशेषण है। 
54-निम्‍न में कौन सा शब्‍द विशेष्‍य है।
(क) पौष्टिक   (ख) पाठकीय   (ग) भावुक    (घ) विषाद
नोट - उपरोक्‍त विकल्‍पों में से विशेष्‍य शब्‍द विषाद है जबकि पौष्टिक, भावुक और पाठकीय विश्‍ोषण शब्‍द है। 
55-धॅुंधला शब्‍द में विशेषण है। 
(क) संख्‍यावाचक विशेषण   (ख) गुणवाचक विशेषण   (ग) समुदायवाचक विशेषण    (घ) क्रमवाचक विशेषण
नोट - धुँधला शब्‍द गुणवाचक विशेषण है। 
56-सरीखा शब्‍द में विशेषण है।
(क) गणनावाचक विशेषण   (ख) गुणवाचक विशेषण   (ग) समुदायवाचक विशेषण   (घ) क्रमवाचक विशेषण
नोट - सरीखा शब्‍द गुणवाचक विशेषण है। (जिस विशेषण से किसी संज्ञा या सर्वनाम का गुण-दोष, रंग-रूप, आकार-प्रकार, सम्‍बन्‍ध, दशा आदि का पता चले, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं।)
57-वह नौकर नहीं आया। वाक्‍य में 'वह' कौन सा विशेषण है।
(क) सार्वनामिक विशेषण   (ख) गुणवाचक विशेषण   (ग) संख्‍यावाचक विशेषण   (घ) परिणामबोधक विशेषण
नोट - उक्‍त प्रश्‍न का सही उत्‍तर सार्वनामिक विशेषण है। (संज्ञा के बदले जो शब्‍द आता है, उसे सर्वनाम कहते हैं। जैसे- वह, वे, मैं, तुम आदि)
58-तीसरा शब्‍द में विशेषण है। 
(क) पूर्णाकबोधक विशेषण   (ख) आवृतिवाचक विशेषण   (ग) गणनावाचक विशेषण    (घ) क्रमवाचक विशेषण
नोट - तीसरा शब्‍द में क्रमवाचक विशेषण है। उदाहरण- पहला, दूसरा, तीसरा आदि जबकि गणनावाचक विशेषण एक, दो, तीन, चार आदि हैं एवं आवृत्ति वाचक विशेषण दुगना, तीगुना, चौगुना आदि हैं। 
59-चौथाई शब्‍द का विशेषण है।
(क) आवृत्तिवाचक विशेषण  (ख) गणनावाचक विशेषण  (ग) क्रमवाचक विश्‍ोषण  (घ) अपूर्णांकबोधक विशेषण
नोट - चौथाई शब्‍द में अपूर्णांकबोधक विशेषण है। जिससे पूर्ण संख्‍या के किसी एक भाग का बोध हो, उसे अपूर्णांकबोधक कहा जाता है। जैसे - पौने दो, साढे दस, चौथाई, तिहाई आदि।
 60- 'जिसके पेट में मॉं ने रस्‍सी (दाम) बांध दी हो' उसे कहते हैं। 
(क) दामाद  (ख) दामाद इतर  (ग) दाम  (घ) दामोदर
नोट -   'जिसके पेट में मॉं ने रस्‍सी (दाम) बांध दी हो' उसे दामोदर कहते हैं।


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