सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' का जन्म बंगाल के महिषादल में वर्ष 1899 में हुआ था। निराला जी मूलत: गढाकोला (जिला उन्नाव) उत्तर प्रदेश के निवासी थे। इन पर रामकृष्ण परमहंस और विवेकानंद की विचारधार का विशेष प्रभाव था। वर्ष 1961 में उनका देहांत हो गया।
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' | |
जन्म | 21 फरवरी, 1896, मेदनीपुर बंगाल |
मृत्यु | 15 अक्टूबर, 1961, प्रयागराज |
बचपन का नाम | सूर्य कुमार |
उपनाम | निराला, महाप्राण, क्रांतिवीर |
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की महत्वपूर्ण रचनाएं
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की महत्वपूर्ण कविता संग्रह - परिमल, अनामिका, गीतिका, कुकुरमुत्ता, अणिमा, बेला, नये पत्ते, अर्चना, आराधना, तुलसीदास (सबसे बडी कविता), सरोज स्मृति, बादलराग (6 खण्डों में), अट नही रही है, भिक्षुक, विधवा, गीत गुंज, गीत गाने दो, रानी और कानी, महँगू महँगा रहा, राम की शक्ति पूजा, जन्मभूमि, ध्वनि।
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की महत्वपूर्ण उपन्यास संग्रह - अप्सरा, अल्का, प्रभावती, निरूपमा, कुल्ली भाट, बिल्लेसुर, बकरीहा, चोटी की पकड, काले कारनामे, चमेली, इन्दुलेखा, उच्चश्रंखलता।
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की महत्वपूर्ण कहानी संग्रह - चतुरी चमार, शुक्ल की बीवी, सखी, लिली, देवी, पदमा, श्रीमती गजानंद देवी।
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की महत्वपूर्ण निबन्ध संग्रह - प्रबंध परिचय, प्रबंध पध, प्रबंध प्रतिमा, संग्रह, चाबुक, चयन।
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की महत्वपूर्ण आलोचना संग्रह - रविन्द्र कविता कानन, पंत और पल्लव।
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' के प्रमुख अनुवाद संग्रह - आनंद मठ, कपाल कुंडला, दुर्गेश नन्दिनी, राजयोग।
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सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' से सम्बन्धित महत्वपूर्ण तथ्य
- समन्वय (वर्ष 1922 में), मतवाला (वर्ष 1923-24 में), सुधा का संपादन किया गया।
- इनकी कविता जूही की कली छंदो से मुक्त है। इसलिए निराला जी को मुक्त छंद का प्रवर्तक मानते हैं।
- इनकी कविता सरोज स्मृति इनकी दिवंगत पुत्री सरोज पर आधारित है।
- दूधनाथ सिंह सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' को टैगोर की संज्ञा दी है।
- निराला रचनावली के आठ खण्डों में उनका सम्पूर्ण साहित्य प्रकाशित है।
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